बस यूँ ही ... मेरी काव्य रचनाओं का संग्रह है । आप यूँ समझें कि इधर-उधर बिखरी पड़ी काव्य रचनाओं को सहेज कर रखने का एक प्रयास मात्र है।
About the Author
रौशन जसवाल विक्षिप्त
जन्म : 1963 शिक्षा : एम0ए0, एम0एड0 सम्प्रति : हिमाचल प्रदेश उच्चतर शिक्षा विभाग में अध्यापन। प्रकाशन – अपने बारे में कुछ भी खास नहीं है, बस आम और साधारण ही है। साहित्य में रुचि है। पढ़ लेता हूँ, कभी-कभार लिख लेता हूँ। कभी प्रकाशनार्थ भेज भी देता हूँ। 1986 से यदाकदा प्रकाशित, प्रसारित और छिट पुट संकलित, पुरुस्कृत। लघुकथाओं पर साहित्य श्री, शकुंतला स्मृति सम्मान, रम्भा श्री प्राप्त। आकाशवाणी शिमला और दूरदर्शन शिमला से नैमितिक सम्बंध रहा । काव्य संग्रह ननु ताकती है दरवाजा प्रकाशित । तलाश काव्य और लघुकथा संग्रह, अम्मा कहती थी काव्य संग्रह का सम्पादन । ब्लॉ ग : www.roshanvikshipt.blogspot.com
अच्छा है । कवितायें अच्छी है । कवितायें पुरानी है नवीन कवितायें पढ़ने की इच्छा है । इस संकलन में सभी रचनायें अच्छी है लेकिन कुछ कवितायें बेहद प्रभावित करती है । लेखक को बधाई ।
Safe and secured checkout, payments powered by Razorpay. Pay with Credit/Debit Cards, Net Banking, Wallets, UPI or via bank account transfer and Cheque/DD.
Payment Option FAQs.
Re: बस यूं ही
अच्छा है । कवितायें अच्छी है । कवितायें पुरानी है नवीन कवितायें पढ़ने की इच्छा है । इस संकलन में सभी रचनायें अच्छी है लेकिन कुछ कवितायें बेहद प्रभावित करती है । लेखक को बधाई ।