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चुन्नू‑मुन्नू की कविताएँ
(बाल काव्य संग्रह)
✍️ लेखक: डॉ. सत्यवान सौरभ
“बचपन की मुस्कान में कविता छिपी होती है।”
इसी विचार को आधार बनाकर प्रस्तुत है यह मनमोहक बाल काव्य संग्रह — "चुन्नू‑मुन्नू की कविताएँ", जिसमें सौ (100) छोटी-छोटी कविताएँ बच्चों की जिज्ञासा, कल्पना और मासूमियत की दुनिया को शब्द देती हैं।
इस संग्रह की हर कविता केवल छह पंक्तियों में है, लेकिन हर कविता एक पूरी दुनिया रचती है — कभी माँ की गोद में सुकून, कभी बारिश में नाचते बचपन की धमाचौकड़ी, तो कभी पेड़ों, पक्षियों, स्कूल और दोस्ती की मीठी कहानियाँ।
डॉ. सत्यवान सौरभ ने बाल मनोविज्ञान की गहराई को समझते हुए भाषा को सरल, गेय और संवादात्मक रखा है ताकि बच्चे पढ़ें, गुनगुनाएँ और खुद से जुड़ाव महसूस करें।
चुन्नू और मुन्नू केवल पात्र नहीं हैं — वे हर घर के, हर मोहल्ले के, हर गाँव-शहर के बच्चे हैं, जिनके सपनों में कविता बोलती है और शरारतों में...
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