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गाछपर सँ खसला (eBook)

कथा साहित्य
Type: e-book
Genre: Literature & Fiction
Language: Maithili
Price: ₹50
(Immediate Access on Full Payment)
Available Formats: PDF

Description

GACHHPAR SAN KHASLA
Collection of Short Stories by Sh. Jagdish Prasad Mandal.

About the Author

श्री जगदीश प्रसाद मण्‍डलक जन्‍म झंझारपुर अनुमण्‍डल अन्‍तर्गत बेरमा गाममे- 5 जुलाई 1947 ई.मे भेलैन। आरम्भिक शिक्षा ग्रामीण माहौलमे तथा उच्च शिक्षा मिथिला विश्वविद्यालय- दरभंगामे प्राप्‍त केलैन। हिन्‍दी एवं राजनीति शास्त्र विषयमे एम.ए. करि गाम आबि कृषि-कार्यक संग जीवन-यापन आरम्‍भ केलाह। विभिन्न तरहक सामाजिक समस्या एवं शोषणक खिलाफ मण्डलजी ठाढ़ भेला, जइमे काफी संघर्ष करए पड़लैन। दर्जनो बेर जहल गेला। तथापि पैंतीस बर्ख धरि एक-रफतारमे लड़ैत रहला। हहरैत शरीर देख, पछाइत साहित्य-लेखन आरम्भ केलैन।
नव नजैर, फरिच्छ दृष्‍टिकोण आ समन्‍वयवादी विचारधारा मण्‍डलजीक विशेषता अछि। जे किछु रचै छैथ, जे किछु बजै छैथ, सहए करबो करै छैथ आ तेहने जिनगियो छैन। ठोस आधारक संग ठाढ़ रहब हिनक निजी जिनगीक व्यावहारिक पक्ष रहल अछि। पक्षमे आकि विपक्षमे जेतए केतौ ठाढ़ होइ छैथ बिनु बैसाखीक ठाढ़ होइ छैथ। हिनक रचनाकेँ जखन पढ़ै छी तँ केतौ ओझरी नहि बल्कि सोलहन्नी सोझरीमे सोझराएल आगू बढ़ैत रहै छी। सोझराएल विचार आ सोझराएल जिनगीक कारणे मण्‍डलजीक कोनो रचना ओझराइ नइ छैन एकदम्म सोझराएल रहै छैन। एकबेर लिखि देलौं लिखि देलौं..! नियमित एवं अनवरत लेखन एकर परिचायक अछि आ मंसा-वाचा-कर्मणा, सदैत सोझराएल रहबक द्योतक...।
मैथिली साहित्‍य मध्य सोझराएल एवं स्वतंत्र रचनाकारक स्थान जे रिक्त छल, ओकर पूर्ति जगदीश प्रसाद मण्‍डलजी पूर्ण सक्षमतासँ कऽ रहला अछि। 2002-3 ईस्वीमे पहिल पोथी–गामक जिनगी–लिखलैन, जे 2009 ई.मे श्रुति प्रकाशनसँ प्रकाशित भेल। आइ अपनेक हाथमे जे–गाछपर सँ खसला–पोथी अछि ओ मण्‍डलजीक लिखल 53म पोथी अछि। एकर अतिरिक्त कएक-टा अनछुअल विषयपर आलेख सेहो प्रकाशित छैन।
जगदीश प्रसाद मण्‍डलजी सम्मानित/पुरस्कृत सेहो होइत रहला अछि। ‘गामक जिनगी’ (लघु कथा संग्रह) लेल हिनका ‘टैगोर लिटिरेचर एवार्ड’ (राष्ट्रीय), 2011 इस्वीमे देल गेलैन। तहिना, पहिल ‘विदेह-भाषा-साहित्‍य-मूल-सम्मान’, पहिल ‘विदेह बाल-साहित्‍य-पुरस्कार’, ‘वैदेह सम्मान’ तथा पहिल ‘कौशिकी साहित्य सम्मान’सँ सम्मानित/ पुरस्‍कृत भेला...।

Book Details

ISBN: 9789387675018
Publisher: Pallavi Prakashan
Number of Pages: 110
Availability: Available for Download (e-book)

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गाछपर सँ खसला

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