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जिंदगी उधार न लेना (eBook)

Type: e-book
Genre: Poetry
Language: Hindi
Price: ₹0
Available Formats: PDF

Description

जीवन में होने वाले परिवर्तनों को सहज रूप से बताने वाली कविताएं है। हमारे जीवन मे कितना परिवर्तन होना चाहिए या हम अपने जीवन मे परिवर्तन करते हुए खुद कैसे परिवर्तित हो जाते है यह सब बताती है मेरी कविता।

About the Author

रामकंवार पारासरिया (राजस्थानी,हिंदी के लेखक और कवि) का जन्म 1 जुलाई 1999 को राजस्थान के नागौर जिले के एक छोटे से गांव फालकी में हुआ। आपके पिता का नाम श्री सुखदेव जी पारासरिया, माता का नाम गीता देवी है। आपकी प्रारंभिक शिक्षा फालकी के एक निजी स्कूल में हुई। माध्यमिक शिक्षा बड़गांव के सरकारी स्कूल में, उच्च माध्यमिक शिक्षा श्री लाल बहादुर शास्त्री पब्लिक स्कूल मेड़ता में हुई। आपने राजकीय महाविद्यालय अजमेर से हिंदी और राजस्थानी साहित्य में स्नातक की डिग्री प्राप्त की है। आपकी कविताएं और आर्टिकल विभिन्न पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए है। राजस्थानी भाषा में “सूरतगढ़ टाइम्स” में आपकी कविताएं प्रकाशित हुई है। राजस्थानी भाषा की प्रतिष्ठित मासिक पत्रिका “रूड़ो राजस्थान” में भी आपकी कविता ने स्थान लिया है। इसके अलावा झालावाड़ क्षेत्र की प्रसिद्ध पत्रिका “पाटन एक्सप्रेस दैनिक” में भी आपके आर्टिकल्स छपे है। दीपावली 2019 को आपकी पहली पुस्तक "जिंदगी उधार न लेना” का विमोचन हुआ जो हिंदी कविताओं का संग्रह है।

Book Details

ISBN: 9789353915469
Publisher: रामकंवार पारासरिया
Number of Pages: 15
Availability: Available for Download (e-book)

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जिंदगी उधार न लेना

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