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मांस नहीं माँ - गोहत्या पर हिन्दू प्रतिकार

Sanjeev Newar
Type: Print Book
Genre: Religion & Spirituality
Language: Hindi
Price: ₹250 + shipping
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Description

बचपन में जिसके ‘अमृत’ से मुझे जीवन मिला, वह ‘माँ’ कहलाई और जिसके ‘अमृत’ ने मुझे जीवन भर सींचा, उसके गले पर छुरी चलाई!

लोगों ने उसे मार दिया। नैतिकता ने उसका मजाक उड़ाया। मत-मतान्तर उसके लिए नाकाम रहे। ‘माताओं’ की ‘माता’ बेबस, असहाय, खिंची हुई खाल के साथ गले से बहते हुए खून के सैलाब में डूबी और आंखों में याचना के आंसू लिए हुए कत्लखाने के फर्श पर पड़ी हुई है। धीरे-धीरे उसकी चेतना हरते हुए आंखें मिटती चली जाती हैं। इस तरह से जीवन, पोषण, भोजन और प्रेम का यह स्रोत समाप्त होता है। क्या यह दुनिया जीवित है?

यह किताब एक मानव का उसकी माता - ‘गौमाता’ के लिए संघर्ष है। यह कसाइयों के झूठ और गौभक्षकों की बेरहम तासीर को ख़त्म करती है। यह किताब ‘स्वस्थ मांस भक्षण’ के मिथक को भी समाप्त करती है। यह किताब पुरातन काल के हिन्दुओं में गौमांस भक्षण के मिथक को सैकड़ों शास्त्रीय प्रमाणों और अकाट्य तर्कों से ख़त्म करती है।
यह किताब ‘गौमांस’ त्यागने की याचना नहीं है, बल्कि यह तो गौभक्षकों के लिए एक चुनौती है कि वे इस किताब को पढ़ने के बाद भी ‘गौमांस’ खाना जारी रख़ सकेंगे?

कत्लखानों की अभेद दीवारों को चीरती हुई यह बेबस प्राणियों की आवाज़ है।
स्वात्म खोजियों के लिए यह एक जोशीला आत्मिक पैगाम है।
जीव प्रेमियों के लिए यह एक अमोघ हथियार है।
गौ प्रेमियों का यह संकल्प है।

इस किताब को पढ़कर आप खुद को, अपने बच्चों और अपने प्रियजनों को स्वस्थ और लम्बी आयु प्रदान करने का रहस्य जान सकेंगे! आप जानेंगे कि क्यों हम खून और चीखों का बोझ अपने जन्म-जन्मांतरों तक न ढ़ोएं! आप सीखेंगे कि कैसे दृढ़ता और प्रमाणों से मानवता, क्रूरता पर विजीत होगी!

- आँखों में खून के आंसू लिए एक कट्टर गौभक्त

About the Author

आज के समय में वेद, गीता, योग और हिंदू धर्म के मर्म को जानने वाले चुनिंदा लोगों में से एक। वेद, आध्यात्म और सनातन धर्म के बारे में फैली भ्रांतियों और हिंदू-विरोधी लोगों के एक-एक आरोप को अपनी अनेक पुस्तकों में धराशायी करने वाले एक मात्र धर्म-रक्षक। देश और विदेशों में लाखों लोगों की प्रेरणा बनने वाले अग्निवीर नामक संगठन के संस्थापक। अग्निवीर के माध्यम से भारत देश में जाति, मज़हब और लिंग के आधार पर होने वाले अन्याय और धर्म परिवर्तन पर कठोर आघात कर बराबरी और न्याय के लिए काम करने वाले। जातियों की एकता के लिए अग्निवीर के मशहूर 'हिंदू दलित यज्ञ' कार्यक्रम के प्रेरणास्रोत। जीवन बदल देने वाली दस से भी अधिक पुस्तकों के लेखक, कवि, वक्ता, दार्शनिक और योगी। अपने प्रेरणा भरे शब्दों से आत्महत्या करने के लिए तैयार कुछ युवाओं को मृत्यु के मुँह से खींच लाने वाले जादूगर। विश्व प्रसिद्ध IIT-IIM के स्नातक, वैज्ञानिक और विश्व के २० सबसे प्रतिष्ठित रिस्क मैनेजमेंट गुरुओं में से एक। संजीव नेवर ढलते हुए धर्म में दोबारा प्राण फूँकने वाले कर्मयोगी हैं।

Book Details

Publisher: Agniveer
Number of Pages: 135
Dimensions: 5.5"x8.5"
Interior Pages: B&W
Binding: Paperback (Perfect Binding)
Availability: In Stock (Print on Demand)

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