You can access the distribution details by navigating to My Print Books(POD) > Distribution

Add a Review

परछाई

एक खूनी अंत।
जुलियस अंसारी
Type: Print Book
Genre: Literature & Fiction, Sapiential Novel
Language: Hindi
Price: ₹151 + shipping
Price: ₹151 + shipping
Dispatched in 5-7 business days.
Shipping Time Extra

Description

पुलिस जहीर को यह आश्वासन दे रही थी कि उसे सिर्फ गिरफ्तार किया जाएगा और कोर्ट में पेश किया जाएगा इससे जहीर हिचकिचाते हुए बाहर निकला लेकिन उसके निकलते ही एक गोली जहीर के सीने को चीरते हुए निकल गई, जहीर गिर पड़ा और उसके बहते खून से उस जगह की मिट्टी गीली हो गई।
आखिर किस वजह से जहीर को गोली मार दी गई? क्या सरकार, प्रशासन, राजनीतिक फैसले हमेशा सही होती है? हिंदुस्तान में राजनीति एक अहम चीज है।हिंदुस्तान को सरकार और प्रशासन नहीं बल्कि राजनीतिक पार्टियां चलाती हैं। आज के जमाने में सांप्रदायिक मुद्दों पर काफी ज्यादा राजनीति खेली जाती है और इन्हीं मुद्दों पर पेश है यह कृति।

हम तो जानते हैं कि राजनीतिक फैसले मुल्क के बड़े-बड़े मुद्दों पर असर डालता है लेकिन क्या राजनीतिक अस्थिरता एक साधारण जोड़े को बिखेर सकता है?

अगर हां तो किस प्रकार से?

मेरी इस कृति में बस हिंदुस्तान के भविष्य का जाहिल रूप को दिखाया गया है और वर्तमान के साथ तुलना किया गया है।

तो आइए जान लेते हैं, सैर कर लेते हैं, देख लेते हैं क्या है आगे।

About the Author

लेखक का जन्म पुरुलिया जिला सदर अस्पताल में 08 अक्तुबर 2004 को हुआ।उनके पिता पश्चिम बंगाल सरकार के हाई स्कूल में राजनीतिक विज्ञान के शिक्षक थे, माता स्वास्थ्य विभाग में नर्स थीं। स्कूली शिक्षा के लिए वह पुरुलिया के जवाहर नवोदय विद्यालय में दाखिल हुए। उनको साहित्य के प्रति लगाव साहित्य पढ़ने से हुई था, जब उन्होंने पहला उपन्यास चेतन भगत का रेवोलुशन 2020 को पढ़ा उसके बाद उन्होंने कुछ और उपन्यास पढ़े और अपने कुछ दोस्तों के प्रोत्साहन से उपन्यास लिखना आरंभ किया पहले उन्होंने अंग्रेजी भाषा में लिखना शुरू किया लेकिन कुछ नाकामयाब कोशिशें के बाद की दिनों तक अपने पढ़ाई के दबाव के कारण लिखना बंद रखा। फिर जब वे पढ़ाई के सिलसिले में भागलपुर गए तो उन्हें लिखने के लिए काफी वक्त मिला, और फिर वे अपना पहला उपन्यास महज़ चौदह साल की उम्र में हिन्दी भाषा में लिखा। नवोदय विद्यालय पुरुलिया मे इनके एक शिक्षक थे, सुमित कुमार सिंह, उन्होंने लेखक को लिखने के लिए बहुत प्रोत्साहित किया था। अभि पढ़ाई के सिलसिले में जवाहर नवोदय विद्यालय नगरपाड़ा, भागलपुर में हैं।

Book Details

ISBN: 9781647332389
Number of Pages: 115
Dimensions: 5"x7"
Interior Pages: B&W
Binding: Paperback (Perfect Binding)
Availability: In Stock (Print on Demand)

Ratings & Reviews

परछाई

परछाई

(Not Available)

Review This Book

Write your thoughts about this book.

Currently there are no reviews available for this book.

Be the first one to write a review for the book परछाई.

Other Books in Literature & Fiction, Sapiential Novel

Shop with confidence

Safe and secured checkout, payments powered by Razorpay. Pay with Credit/Debit Cards, Net Banking, Wallets, UPI or via bank account transfer and Cheque/DD. Payment Option FAQs.