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"विचारों की विरासत: भारतीय साहित्य और ज्ञान परंपरा" एक ऐसी पुस्तक है जो भारत की हजारों वर्षों पुरानी बौद्धिक और सांस्कृतिक परंपरा को समझने, विश्लेषण करने और समकालीन संदर्भों में उसकी प्रासंगिकता को उजागर करने का प्रयास करती है। यह ग्रंथ केवल साहित्यिक विमर्श नहीं, बल्कि उस समूची चिंतन प्रणाली का दर्पण है, जिसमें भारतीय समाज की आध्यात्मिक, नैतिक, सांस्कृतिक और दार्शनिक चेतना रची-बसी है।
भारतीय ज्ञान परंपरा विश्व की प्राचीनतम और सर्वाधिक सुसंगठित परंपराओं में से एक है। यह परंपरा केवल पुस्तकीय ज्ञान तक सीमित नहीं रही, बल्कि यह जीवन पद्धति, चिंतन प्रक्रिया, व्यवहार और सामाजिक आचरण में भी व्याप्त रही है। वेदों, उपनिषदों, महाकाव्यों से लेकर लोक परंपराओं, संत साहित्य, आधुनिक आलोचना और नवसृजनात्मक प्रवृत्तियों तक यह परंपरा एक बहुपरतीय विमर्श प्रस्तुत करती है। इस पुस्तक का उद्देश्य इसी व्यापकता को समेटते हुए भारतीय साहित्य और ज्ञान की परंपरा को विचारों की एक अंतःसलिला के रूप में देखना...
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