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यह संग्रह, मेरे मन के उन अनकहे भावों की अभिव्यक्ति है,जो शब्दों की चुप्पी में भी बोलते रहे।
"अक्ष" यहाँ केवल अक्षरों का समूह नहीं, बल्कि वे अनुभूतियाँ हैं जो समय की सीमाओं से परे,मन की गहराइयों में जन्म लेकर पृष्ठों पर आकार लेती हैं।
"ख़यालों का झरोखा " इस शीर्षक में वह प्रतिबिंब छिपा है जहाँ हर पाठक अपने मन के भावों को इन पंक्तियों में देख सके। हर कविता एक भाव है, एक दृश्य है, एक अनुभव है जो कभी चुपचाप आत्मा से बात करता है, तो कभी जीवन के द्वंद्वों को उकेरता है।
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