You can access the distribution details by navigating to My Print Books(POD) > Distribution

Add a Review

प्रेरक प्रसंग एवं कहानियाँ ...

मनोज कुमार धुर्वे ...
Type: Print Book
Genre: Children
Language: Hindi
Price: ₹149 + shipping
Price: ₹149 + shipping
Dispatched in 5-7 business days.
Shipping Time Extra

Description

पुस्तक के प्रति
सांस्कृतिक मूल्य और धरोहर ही हमारा वास्तविक धन हैं,क्यूकी वे आज के आधुनिक समाज को भी उर्जा ओर दिशा दोनो प्रदान कर रहे हैं ! यह तथ्य संसार में किसी से छुपा नही की हम भारतीय मूल के लोग संसार के जिस देश में भी रहें हैं वहाँ हमने शांति एवं सदभाव की सुवास फैलाई हैं !
वसुधैव कुटुम्बकम की भावना से ओत प्रोत यह सदभावना की धारा अब संसार की अन्य संस्कृतीयो में भी सम्मान पूर्वक प्रवाहित हो रही है ! ऐसे समय मे हमें स्वयं भी उसके संवर्धन में अपना योगदान प्रदान करना चाहिए ! जिसमे सबका कल्याण निहित है !
वर्तमान शिक्षा पद्दतियो से नैतिक एवं आध्यात्मिक जीवन के प्रति आज के विद्यार्थी लगभग अन्भिग्या है ! ऐसे मे खास कर विद्यार्थियो के लिए यह पुस्तक आधारभूत जीवनपायोगी सामग्री उपलब्ध करवाती है ! इसमे कुच्छ प्रेरणा दायक जीवन प्रसंग ओर कुछ कहानियाँ है ! जिनमे कुछ कई वर्षो पूर्व के उपलब्ध साहित्य से संकलित है ओर कुछ लिखी गई है ! जो काल्पनिक कथानको के मध्यम से उच्च जीवन आदर्शो के प्रति उदारहण प्रस्तुत करती है ओर पठन चिंतन के द्वारा हमें नेटिक उत्थान की ओर अग्रसर करती है ! यह इसका प्रथम प्रकाशन वर्ष है अतः त्रुटीयो का छुपा होना संभव है ! पाठको एवं आलचको का स्वागत है ताकि अपनी भूलो को सुधारने का सुववसर प्राप्त हो सके !
सूरत मनोज कुमार धुर्वे
१३.११.२०१२ (नूतन वर्षारंभ)
Email ID : sahyogg@rediffmail.com

About the Author

लेखक के प्रति
श्री मनोज कुमार धुर्वे का जन्म सन् १९७९ मे,मध्यप्रदेश मे,छिंदवाडा जिले के अंतर्गत बिछुआ विकास खंड के सामरबोह नामक ग्राम में,एक मध्यमवर्गीय किसान परिवार में हुआ ! इनकी प्रारंभिक शिक्षा म.प्र. के ग्रामीण परिवेश मे संपन्न हुई ! हाई स्कूल एवं डिप्लोमा एंजिनरिंग की परीक्षा प्रथम श्रेणी में उतीर्ण करने के बाद NIELIT नई दिल्ली से उन्होने आई.टी.में O एवं A लेवेल कोर्स की परीक्षा उतीर्ण की है !
ईश्वर के प्रति तिवरा जिगयाशा से अभिभूत हो अपनी डिग्री इंजिनियरिंग की डिग्री १९९९ में अधूरी छोड़ कर अपनी ज्ञान पीपासा की शांति के उपाय खोजने वे घेर से निकल पड़े ! इसके उपरांत उन्होने अपने जीवन के १० वर्ष अपने गुरु आश्रम में साधानरात हो कर व्यतीत किए !
एक दीर्घकालीन गहन अभ्यास एवं अनुभूतियो के आनंद से परिपूर्ण यह काव्य अन्य कृतीयो के साथ वही पेर रचा गया है ! वर्तमान में वे अध्यात्म के उपरांत सामाजिक,सांस्कृतिक एवं सॉफ़्टवेर इंजिनियरिंग के विभिन्न क्रियाकलापो मे संलग्न है !

Book Details

Number of Pages: 111
Dimensions: 5"x7"
Interior Pages: B&W
Binding: Paperback (Perfect Binding)
Availability: In Stock (Print on Demand)

Ratings & Reviews

प्रेरक प्रसंग एवं कहानियाँ ...

प्रेरक प्रसंग एवं कहानियाँ ...

(Not Available)

Review This Book

Write your thoughts about this book.

Currently there are no reviews available for this book.

Be the first one to write a review for the book प्रेरक प्रसंग एवं कहानियाँ ....

Other Books in Children

Shop with confidence

Safe and secured checkout, payments powered by Razorpay. Pay with Credit/Debit Cards, Net Banking, Wallets, UPI or via bank account transfer and Cheque/DD. Payment Option FAQs.