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"ताजीम-ए-हिना"
लेखक: मो० ताजीम अंसारी
Genre: ग़ज़ल संग्रह | भाषा: हिन्दी-उर्दू भावों में रची बसी
शब्द जब जज़्बातों से मिलते हैं, तब एक ग़ज़ल जन्म लेती है—और जब वही ग़ज़लें किसी संवेदनशील रचनाकार के दिल से निकलती हैं, तो वह बन जाती है "ताजीम-ए-हिना"।
यह किताब एक आम शायरी संग्रह नहीं है। यह एक आत्मा की आवाज़ है, जो कभी मोहब्बत के रंग में डूबी है, तो कभी समाज की चुप्पियों को तोड़ती है। हर पंक्ति एक भावना है, हर शेर एक जीवन का अक्स।
कवर डिज़ाइन प्रतीकों से भरा है:
लड़की का चित्र – संवेदनशीलता, सौंदर्य और आत्मबल का प्रतीक
ऊँट और रेगिस्तान – जीवन की यात्रा, धैर्य और सादगी का संकेत
किताबों की छवि – ज्ञान, साहित्य और लेखक की बौद्धिक यात्रा
चाँद और तारा – आध्यात्मिक जुड़ाव, संस्कृति और रूहानियत का संकेत
यह पुस्तक उन पाठकों के लिए है जो शायरी को सिर्फ़ पढ़ना नहीं, महसूस करना चाहते...
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