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कामवासना सभी जानवरों मे अपनी संतति की निरंतरता बनाने रखने के लिए एक प्राकृतिक कारक है लेकिन मानव के लिए इस से कहीं परे कुछ अलग मनोभाव है जिसके चलते मात्र नर और मादा का प्रजनन मिलन न होकर सुखानुभूति का साधन है, जिसमे तन और मन की बड़ी अलग भूमिका है। समलैंगिक कामक्रिया को भारतीय समाज में छुप छुप के किया जाता रहा है, लेकिन अब इसे समाज ने उदारता से स्वीकृत कर लिया है। इस संकलन में समावेशित समलिंगी कहानियाँ दो लेखकों, मैं और मेरे भ्राता श्री द्वारा लिखी गई हैं, कुछ प्रकाशित हैं कुछ नयी। साहित्य समाज का दर्पण होता है इसको ध्यान मे रख कर लिपिबद्ध करने का एक प्रयास किया है। अगर आप की आयु 18 साल से ज्यादा है और आप की रुचि है तो इसे पढ़ कर आनंद लें।
-डॉ कामेश
In Hindi, there are very few books and this new publication will be helpful for gay readers.
Great book
Great book , one time reading is must , but you can still read 1st half of book again, 1st half it's damm interesting