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प्रस्तुत पुस्तक मेरी प्रिय कविताओं का संकलन है। इस संग्रह में चालीस से ज्यादा कवितायें हैं। यह काव्य संग्रह उन कविताओं का संयोग है जो जिन्दगी में इक आशा और विश्वास का आभूषण बना कर पिरोई जा सकती हैं। ये जिन्दगी कभी एक जैसी नहीं रहती, कभी सुख है तो कभी दु:ख, कभी सफलता तो कभी असफलता, परन्तु यदि इंसान हर पड़ाव को स्वीकार करे तो हर मुश्किल आसान लगने लगती है। साथ ही प्रस्तुत संग्रह वर्तमान दौर में आये बदलावों को 'दीमक लगे गुलाब' की तरह देखता है जहां रिश्तों का जंजाल तो हो मगर उनमें अपनेपन का आभास नहीं ।
इस काव्य संग्रह में कुछ और प्रोत्साहित करने वाली रचनाएँ भी हैं, जिनको पढ़कर पाठकों और श्रोताओं को अवश्य एक होंसला मिलेगा। आज कल की संघर्षपूर्ण जि़न्दगी में इंसान इतना खो गया है कि स्वयं के लिए भी समय नहीं निकाल पाता। आशा है इस काव्य संग्रह...
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